Original

स तूपधार्य मायानां शतमेकोनमात्मवान् ।सलिलेन्द्रपुरान्वेषी स बभ्राम रसातलम् ॥ १४ ॥

Segmented

स तु उपधार्य मायानाम् शतम् एक-ऊनम् आत्मवान् सलिल-इन्द्र-पुर-अन्वेषी स बभ्राम रसातलम्

Analysis

Word Lemma Parse
तद् pos=n,g=m,c=1,n=s
तु तु pos=i
उपधार्य उपधारय् pos=vi
मायानाम् माया pos=n,g=f,c=6,n=p
शतम् शत pos=n,g=n,c=2,n=s
एक एक pos=n,comp=y
ऊनम् ऊन pos=a,g=n,c=2,n=s
आत्मवान् आत्मवत् pos=a,g=m,c=1,n=s
सलिल सलिल pos=n,comp=y
इन्द्र इन्द्र pos=n,comp=y
पुर पुर pos=n,comp=y
अन्वेषी अन्वेषिन् pos=a,g=m,c=1,n=s
तद् pos=n,g=m,c=1,n=s
बभ्राम भ्रम् pos=v,p=3,n=s,l=lit
रसातलम् रसातल pos=n,g=n,c=2,n=s