रामायणम् — 7.22.34
Original
Segmented
वरः खलु मया दत्तः तस्य त्रिदश-पुंगवैः तत् त्वया न अनृतम् कार्यम् यत् मया व्याहृतम् वचः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
वरः | वर | pos=n,g=m,c=1,n=s |
खलु | खलु | pos=i |
मया | मद् | pos=n,g=,c=3,n=s |
दत्तः | दा | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
त्रिदश | त्रिदश | pos=n,comp=y |
पुंगवैः | पुंगव | pos=n,g=m,c=8,n=s |
तत् | तद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
त्वया | त्वद् | pos=n,g=,c=3,n=s |
न | न | pos=i |
अनृतम् | अनृत | pos=a,g=n,c=1,n=s |
कार्यम् | कृ | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=krtya |
यत् | यद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
मया | मद् | pos=n,g=,c=3,n=s |
व्याहृतम् | व्याहृ | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
वचः | वचस् | pos=n,g=n,c=1,n=s |