रामायणम् — 7.20.10
Original
Segmented
तत् किम् एवम् परिक्लिश्य लोकम् मोह-निराकृतम् जित एव त्वया सौम्य मर्त्य-लोकः न संशयः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
तत् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
किम् | क | pos=n,g=n,c=2,n=s |
एवम् | एवम् | pos=i |
परिक्लिश्य | परिक्लिश् | pos=vi |
लोकम् | लोक | pos=n,g=m,c=2,n=s |
मोह | मोह | pos=n,comp=y |
निराकृतम् | निराकृ | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
जित | जि | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
एव | एव | pos=i |
त्वया | त्वद् | pos=n,g=,c=3,n=s |
सौम्य | सौम्य | pos=a,g=m,c=8,n=s |
मर्त्य | मर्त्य | pos=n,comp=y |
लोकः | लोक | pos=n,g=m,c=1,n=s |
न | न | pos=i |
संशयः | संशय | pos=n,g=m,c=1,n=s |