रामायणम् — 7.2.26
Original
Segmented
परितुष्टो ऽस्मि भद्रम् ते गुणानाम् संपदा भृशम् तस्मात् ते विरमामि अद्य पुत्रम् आत्म-समम् गुणैः उभयोः वंश-कर्तारम् पौलस्त्य इति विश्रुतम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
परितुष्टो | परितुष् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
ऽस्मि | अस् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
भद्रम् | भद्र | pos=n,g=n,c=1,n=s |
ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
गुणानाम् | गुण | pos=n,g=m,c=6,n=p |
संपदा | सम्पद् | pos=n,g=f,c=3,n=s |
भृशम् | भृशम् | pos=i |
तस्मात् | तस्मात् | pos=i |
ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
विरमामि | विरम् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
अद्य | अद्य | pos=i |
पुत्रम् | पुत्र | pos=n,g=m,c=2,n=s |
आत्म | आत्मन् | pos=n,comp=y |
समम् | सम | pos=n,g=m,c=2,n=s |
गुणैः | गुण | pos=n,g=m,c=3,n=p |
उभयोः | उभय | pos=a,g=m,c=6,n=d |
वंश | वंश | pos=n,comp=y |
कर्तारम् | कर्तृ | pos=a,g=m,c=2,n=s |
पौलस्त्य | पौलस्त्य | pos=n,g=m,c=1,n=s |
इति | इति | pos=i |
विश्रुतम् | विश्रु | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |