रामायणम् — 7.18.29
Original
Segmented
मद्-शरीरम् समासाद्य कान्तो नित्यम् भविष्यसि प्राप्स्यसे च अतुलाम् प्रीतिम् एतत् मे प्रीति-लक्षणम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
मद् | मद् | pos=n,comp=y |
शरीरम् | शरीर | pos=n,g=n,c=2,n=s |
समासाद्य | समासादय् | pos=vi |
कान्तो | कान्त | pos=a,g=m,c=1,n=s |
नित्यम् | नित्यम् | pos=i |
भविष्यसि | भू | pos=v,p=2,n=s,l=lrt |
प्राप्स्यसे | प्राप् | pos=v,p=2,n=s,l=lrt |
च | च | pos=i |
अतुलाम् | अतुल | pos=a,g=f,c=2,n=s |
प्रीतिम् | प्रीति | pos=n,g=f,c=2,n=s |
एतत् | एतद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
प्रीति | प्रीति | pos=n,comp=y |
लक्षणम् | लक्षण | pos=n,g=n,c=1,n=s |