रामायणम् — 7.18.21
Original
Segmented
मम नेत्र-सहस्रम् यत् तत् ते बर्हे भविष्यति वर्षमाणे मयि मुदम् प्राप्स्यसे प्रीति-लक्षणम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
मम | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
नेत्र | नेत्र | pos=n,comp=y |
सहस्रम् | सहस्र | pos=n,g=n,c=1,n=s |
यत् | यद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
तत् | तद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
बर्हे | बर्ह | pos=n,g=m,c=7,n=s |
भविष्यति | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lrt |
वर्षमाणे | वृष् | pos=va,g=m,c=7,n=s,f=part |
मयि | मद् | pos=n,g=,c=7,n=s |
मुदम् | मुद् | pos=n,g=f,c=2,n=s |
प्राप्स्यसे | प्राप् | pos=v,p=2,n=s,l=lrt |
प्रीति | प्रीति | pos=n,comp=y |
लक्षणम् | लक्षण | pos=n,g=m,c=2,n=s |