Original

पर्वतं स समासाद्य किंचिद्रम्यवनान्तरम् ।अपश्यत्पुष्पकं तत्र राम विष्टम्भितं दिवि ॥ ३ ॥

Segmented

पर्वतम् स समासाद्य किंचिद् रम्य-वन-अन्तरम् अपश्यत् पुष्पकम् तत्र राम विष्टम्भितम् दिवि

Analysis

Word Lemma Parse
पर्वतम् पर्वत pos=n,g=m,c=2,n=s
तद् pos=n,g=m,c=1,n=s
समासाद्य समासादय् pos=vi
किंचिद् कश्चित् pos=n,g=n,c=2,n=s
रम्य रम्य pos=a,comp=y
वन वन pos=n,comp=y
अन्तरम् अन्तर pos=n,g=n,c=2,n=s
अपश्यत् पश् pos=v,p=3,n=s,l=lan
पुष्पकम् पुष्पक pos=n,g=n,c=2,n=s
तत्र तत्र pos=i
राम राम pos=n,g=m,c=8,n=s
विष्टम्भितम् विष्टम्भय् pos=va,g=n,c=2,n=s,f=part
दिवि दिव् pos=n,g=m,c=7,n=s