Original

स दृष्ट्वा भ्रातरं संख्ये शापाद्विभ्रष्टगौरवम् ।उवाच वचनं धीमान्युक्तं पैतामहे कुले ॥ १३ ॥

Segmented

स दृष्ट्वा भ्रातरम् संख्ये शापाद् विभ्रष्ट-गौरवम् उवाच वचनम् धीमान् युक्तम् पैतामहे कुले

Analysis

Word Lemma Parse
तद् pos=n,g=m,c=1,n=s
दृष्ट्वा दृश् pos=vi
भ्रातरम् भ्रातृ pos=n,g=m,c=2,n=s
संख्ये संख्य pos=n,g=n,c=7,n=s
शापाद् शाप pos=n,g=m,c=5,n=s
विभ्रष्ट विभ्रंश् pos=va,comp=y,f=part
गौरवम् गौरव pos=n,g=m,c=2,n=s
उवाच वच् pos=v,p=3,n=s,l=lit
वचनम् वचन pos=n,g=n,c=2,n=s
धीमान् धीमत् pos=a,g=m,c=1,n=s
युक्तम् युक्त pos=a,g=n,c=2,n=s
पैतामहे पैतामह pos=a,g=n,c=7,n=s
कुले कुल pos=n,g=n,c=7,n=s