रामायणम् — 7.14.20
Original
Segmented
प्राप्त-सञ्ज्ञः मुहूर्तेन विश्रम्य च निशाचरः तम् यक्षम् योधयामास स च भग्नः प्रदुद्रुवे
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
प्राप्त | प्राप् | pos=va,comp=y,f=part |
सञ्ज्ञः | संज्ञा | pos=n,g=m,c=1,n=s |
मुहूर्तेन | मुहूर्त | pos=n,g=m,c=3,n=s |
विश्रम्य | विश्रम् | pos=vi |
च | च | pos=i |
निशाचरः | निशाचर | pos=n,g=m,c=1,n=s |
तम् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
यक्षम् | यक्ष | pos=n,g=m,c=2,n=s |
योधयामास | योधय् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
च | च | pos=i |
भग्नः | भञ्ज् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
प्रदुद्रुवे | प्रद्रु | pos=v,p=3,n=s,l=lit |