Original

हितं न स ममैतद्धि ब्रवीति धनरक्षकः ।महेश्वरसखित्वं तु मूढ श्रावयसे किल ॥ ३५ ॥

Segmented

हितम् न स मे एतत् हि ब्रवीति धनरक्षकः महेश्वर-सखि-त्वम् तु मूढ श्रावयसे किल

Analysis

Word Lemma Parse
हितम् हित pos=a,g=n,c=2,n=s
pos=i
तद् pos=n,g=m,c=1,n=s
मे मद् pos=n,g=,c=6,n=s
एतत् एतद् pos=n,g=n,c=2,n=s
हि हि pos=i
ब्रवीति ब्रू pos=v,p=3,n=s,l=lat
धनरक्षकः धनरक्षक pos=n,g=m,c=1,n=s
महेश्वर महेश्वर pos=n,comp=y
सखि सखी pos=n,comp=y
त्वम् त्व pos=n,g=n,c=2,n=s
तु तु pos=i
मूढ मुह् pos=va,g=m,c=8,n=s,f=part
श्रावयसे श्रावय् pos=v,p=2,n=s,l=lat
किल किल pos=i