Original

तत्सखित्वं मया सार्धं रोचयस्व धनेश्वर ।तपसा निर्जितत्वाद्धि सखा भव ममानघ ॥ २९ ॥

Segmented

तत् सखि-त्वम् मया सार्धम् रोचयस्व धनेश्वर तपसा निर्जित-त्वात् हि सखा भव मे अनघ

Analysis

Word Lemma Parse
तत् तद् pos=n,g=n,c=2,n=s
सखि सखी pos=n,comp=y
त्वम् त्व pos=n,g=n,c=2,n=s
मया मद् pos=n,g=,c=3,n=s
सार्धम् सार्धम् pos=i
रोचयस्व रोचय् pos=v,p=2,n=s,l=lot
धनेश्वर धनेश्वर pos=n,g=m,c=8,n=s
तपसा तपस् pos=n,g=n,c=3,n=s
निर्जित निर्जि pos=va,comp=y,f=part
त्वात् त्व pos=n,g=n,c=5,n=s
हि हि pos=i
सखा सखि pos=n,g=,c=1,n=s
भव भू pos=v,p=2,n=s,l=lot
मे मद् pos=n,g=,c=6,n=s
अनघ अनघ pos=a,g=m,c=8,n=s