रामायणम् — 7.11.4
Original
Segmented
दिष्ट्या ते पुत्र सम्प्राप्तः चिन्तितः ऽयम् मनोरथः यः त्वम् त्रिभुवन-श्रेष्ठात् लब्धः वरम् ईदृशम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
दिष्ट्या | दिष्टि | pos=n,g=f,c=3,n=s |
ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
पुत्र | पुत्र | pos=n,g=m,c=8,n=s |
सम्प्राप्तः | सम्प्राप् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
चिन्तितः | चिन्तय् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
ऽयम् | इदम् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
मनोरथः | मनोरथ | pos=n,g=m,c=1,n=s |
यः | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
त्रिभुवन | त्रिभुवन | pos=n,comp=y |
श्रेष्ठात् | श्रेष्ठ | pos=a,g=m,c=5,n=s |
लब्धः | लभ् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
वरम् | वर | pos=n,g=m,c=2,n=s |
ईदृशम् | ईदृश | pos=a,g=m,c=2,n=s |