Original

दैत्यानां किल धर्मज्ञ पुरेयं सवनार्णवा ।सपर्वता मही वीर तेऽभवन्प्रभविष्णवः ॥ १५ ॥

Segmented

दैत्यानाम् किल धर्म-ज्ञ पुरा इयम् स वन-अर्णवा स पर्वता मही वीर ते ऽभवन् प्रभविष्णवः

Analysis

Word Lemma Parse
दैत्यानाम् दैत्य pos=n,g=m,c=6,n=p
किल किल pos=i
धर्म धर्म pos=n,comp=y
ज्ञ ज्ञ pos=a,g=m,c=8,n=s
पुरा पुरा pos=i
इयम् इदम् pos=n,g=f,c=1,n=s
pos=i
वन वन pos=n,comp=y
अर्णवा अर्णव pos=n,g=f,c=1,n=s
pos=i
पर्वता पर्वत pos=n,g=f,c=1,n=s
मही मही pos=n,g=f,c=1,n=s
वीर वीर pos=n,g=m,c=8,n=s
ते तद् pos=n,g=m,c=1,n=p
ऽभवन् भू pos=v,p=3,n=p,l=lan
प्रभविष्णवः प्रभविष्णु pos=a,g=m,c=1,n=p