रामायणम् — 7.100.17
Original
Segmented
यत् च तिर्यग्गतम् किंचिद् रामम् एव अनुचिन्तय् प्राणांस् त्यक्ष्यति भक्त्या वै संताने तु निवत्स्यति सर्वैः एव गुणैः युक्ते ब्रह्म-लोकात् अनन्तरे
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
यत् | यद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
च | च | pos=i |
तिर्यग्गतम् | तिर्यग्गत | pos=n,g=n,c=1,n=s |
किंचिद् | कश्चित् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
रामम् | राम | pos=n,g=m,c=2,n=s |
एव | एव | pos=i |
अनुचिन्तय् | अनुचिन्तय् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
प्राणांस् | प्राण | pos=n,g=m,c=2,n=p |
त्यक्ष्यति | त्यज् | pos=v,p=3,n=s,l=lrt |
भक्त्या | भक्ति | pos=n,g=f,c=3,n=s |
वै | वै | pos=i |
संताने | संतान | pos=n,g=m,c=7,n=s |
तु | तु | pos=i |
निवत्स्यति | निवस् | pos=v,p=3,n=s,l=lrt |
सर्वैः | सर्व | pos=n,g=m,c=3,n=p |
एव | एव | pos=i |
गुणैः | गुण | pos=n,g=m,c=3,n=p |
युक्ते | युज् | pos=va,g=m,c=7,n=s,f=part |
ब्रह्म | ब्रह्मन् | pos=n,comp=y |
लोकात् | लोक | pos=n,g=m,c=5,n=s |
अनन्तरे | अनन्तर | pos=a,g=m,c=7,n=s |