रामायणम् — 7.10.3
Original
Segmented
कुम्भकर्णः तदा यत्तो नित्यम् धर्म-परायणः तताप ग्रैष्मिके काले पञ्चसु अग्निषु अवस्थितः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
कुम्भकर्णः | कुम्भकर्ण | pos=n,g=m,c=1,n=s |
तदा | तदा | pos=i |
यत्तो | यत् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
नित्यम् | नित्यम् | pos=i |
धर्म | धर्म | pos=n,comp=y |
परायणः | परायण | pos=n,g=m,c=1,n=s |
तताप | तप् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
ग्रैष्मिके | ग्रैष्मिक | pos=a,g=m,c=7,n=s |
काले | काल | pos=n,g=m,c=7,n=s |
पञ्चसु | पञ्चन् | pos=n,g=m,c=7,n=p |
अग्निषु | अग्नि | pos=n,g=m,c=7,n=p |
अवस्थितः | अवस्था | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |