Original

कथं त्रैलोक्यमाक्रम्य श्रिया वीर्येण चान्वितम् ।अविषह्यं जघान त्वां मानुषो वनगोचरः ॥ ६ ॥

Segmented

कथम् त्रैलोक्यम् आक्रम्य श्रिया वीर्येण च अन्वितम् अविषह्यम् जघान त्वाम् मानुषो वनगोचरः

Analysis

Word Lemma Parse
कथम् कथम् pos=i
त्रैलोक्यम् त्रैलोक्य pos=n,g=n,c=2,n=s
आक्रम्य आक्रम् pos=vi
श्रिया श्री pos=n,g=f,c=3,n=s
वीर्येण वीर्य pos=n,g=n,c=3,n=s
pos=i
अन्वितम् अन्वित pos=a,g=n,c=2,n=s
अविषह्यम् अविषह्य pos=a,g=m,c=2,n=s
जघान हन् pos=v,p=1,n=s,l=lit
त्वाम् त्वद् pos=n,g=,c=2,n=s
मानुषो मानुष pos=n,g=m,c=1,n=s
वनगोचरः वनगोचर pos=n,g=m,c=1,n=s