रामायणम् — 6.99.27
Original
Segmented
येन सूदयसे शत्रून् समरे सूर्य-वर्चसा वज्रो वज्रधरस्य इव सो ऽयम् ते सतत-अर्चितः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
येन | यद् | pos=n,g=n,c=3,n=s |
सूदयसे | सूदय् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
शत्रून् | शत्रु | pos=n,g=m,c=2,n=p |
समरे | समर | pos=n,g=m,c=7,n=s |
सूर्य | सूर्य | pos=n,comp=y |
वर्चसा | वर्चस् | pos=n,g=n,c=3,n=s |
वज्रो | वज्र | pos=n,g=m,c=1,n=s |
वज्रधरस्य | वज्रधर | pos=n,g=m,c=6,n=s |
इव | इव | pos=i |
सो | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ऽयम् | इदम् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
सतत | सतत | pos=a,comp=y |
अर्चितः | अर्चय् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |