रामायणम् — 6.98.19
Original
Segmented
ब्रुवाणो ऽपि हितम् वाक्यम् इष्टो भ्राता विभीषणः धृष्टम् परुषितो मोहात् त्वया आत्म-वध-काङ्क्षिना
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
ब्रुवाणो | ब्रू | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
ऽपि | अपि | pos=i |
हितम् | हित | pos=a,g=n,c=2,n=s |
वाक्यम् | वाक्य | pos=n,g=n,c=2,n=s |
इष्टो | इष् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
भ्राता | भ्रातृ | pos=n,g=m,c=1,n=s |
विभीषणः | विभीषण | pos=n,g=m,c=1,n=s |
धृष्टम् | धृष् | pos=va,g=n,c=2,n=s,f=part |
परुषितो | परुषित | pos=a,g=m,c=1,n=s |
मोहात् | मोह | pos=n,g=m,c=5,n=s |
त्वया | त्वद् | pos=n,g=,c=3,n=s |
आत्म | आत्मन् | pos=n,comp=y |
वध | वध | pos=n,comp=y |
काङ्क्षिना | काङ्क्षिन् | pos=a,g=m,c=3,n=s |