Original

मया विरहितां दीनां वर्तमानां महावने ।वैदेहीं प्रसभं हृत्वा शूरोऽहमिति मन्यसे ॥ १२ ॥

Segmented

मया विरहिताम् दीनाम् वर्तमानाम् महा-वने वैदेहीम् प्रसभम् हृत्वा शूरो ऽहम् इति मन्यसे

Analysis

Word Lemma Parse
मया मद् pos=n,g=,c=3,n=s
विरहिताम् विरहित pos=a,g=f,c=2,n=s
दीनाम् दीन pos=a,g=f,c=2,n=s
वर्तमानाम् वृत् pos=va,g=f,c=2,n=s,f=part
महा महत् pos=a,comp=y
वने वन pos=n,g=n,c=7,n=s
वैदेहीम् वैदेही pos=n,g=f,c=2,n=s
प्रसभम् प्रसभम् pos=i
हृत्वा हृ pos=vi
शूरो शूर pos=n,g=m,c=1,n=s
ऽहम् मद् pos=n,g=,c=1,n=s
इति इति pos=i
मन्यसे मन् pos=v,p=2,n=s,l=lat