Original

यावत्सुघोरा महती दुर्धर्षा हरिवाहिनी ।नावस्कन्दति नो लङ्कां तावत्सीता प्रदीयताम् ॥ १८ ॥

Segmented

यावत् सु घोरा महती दुर्धर्षा हरि-वाहिनी न अवस्कन्दति नो लङ्काम् तावत् सीता प्रदीयताम्

Analysis

Word Lemma Parse
यावत् यावत् pos=i
सु सु pos=i
घोरा घोर pos=a,g=f,c=1,n=s
महती महत् pos=a,g=f,c=1,n=s
दुर्धर्षा दुर्धर्ष pos=a,g=f,c=1,n=s
हरि हरि pos=n,comp=y
वाहिनी वाहिनी pos=n,g=f,c=1,n=s
pos=i
अवस्कन्दति अवस्कन्द् pos=v,p=3,n=s,l=lat
नो मद् pos=n,g=,c=6,n=p
लङ्काम् लङ्का pos=n,g=f,c=2,n=s
तावत् तावत् pos=i
सीता सीता pos=n,g=f,c=1,n=s
प्रदीयताम् प्रदा pos=v,p=3,n=s,l=lot