Original

यावन्न सगजां साश्वां बहुरत्नसमाकुलाम् ।पुरीं दारयते बाणैर्दीयतामस्य मैथिली ॥ १७ ॥

Segmented

यावत् न स गजाम् स अश्वाम् बहु-रत्न-समाकुलाम् पुरीम् दारयते बाणैः दीयताम् अस्य मैथिली

Analysis

Word Lemma Parse
यावत् यावत् pos=i
pos=i
pos=i
गजाम् गज pos=n,g=f,c=2,n=s
pos=i
अश्वाम् अश्व pos=n,g=f,c=2,n=s
बहु बहु pos=a,comp=y
रत्न रत्न pos=n,comp=y
समाकुलाम् समाकुल pos=a,g=f,c=2,n=s
पुरीम् पुरी pos=n,g=f,c=2,n=s
दारयते दारय् pos=v,p=3,n=s,l=lat
बाणैः बाण pos=n,g=m,c=3,n=p
दीयताम् दा pos=v,p=3,n=s,l=lot
अस्य इदम् pos=n,g=m,c=6,n=s
मैथिली मैथिली pos=n,g=f,c=1,n=s