Original

अयं स समरश्लाघी भ्राता मे शुभलक्षणः ।यदि पञ्चत्वमापन्नः प्राणैर्मे किं सुखेन वा ॥ ४ ॥

Segmented

अयम् स समर-श्लाघी भ्राता मे शुभ-लक्षणः यदि पञ्चत्वम् आपन्नः प्राणैः मे किम् सुखेन वा

Analysis

Word Lemma Parse
अयम् इदम् pos=n,g=m,c=1,n=s
तद् pos=n,g=m,c=1,n=s
समर समर pos=n,comp=y
श्लाघी श्लाघिन् pos=a,g=m,c=1,n=s
भ्राता भ्रातृ pos=n,g=m,c=1,n=s
मे मद् pos=n,g=,c=6,n=s
शुभ शुभ pos=a,comp=y
लक्षणः लक्षण pos=n,g=m,c=1,n=s
यदि यदि pos=i
पञ्चत्वम् पञ्चत्व pos=n,g=n,c=2,n=s
आपन्नः आपद् pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
प्राणैः प्राण pos=n,g=m,c=3,n=p
मे मद् pos=n,g=,c=6,n=s
किम् pos=n,g=n,c=1,n=s
सुखेन सुख pos=n,g=n,c=3,n=s
वा वा pos=i