Original

स कीर्यमाणः शरजालवृष्टिभिर्महात्मना दीप्तधनुष्मतार्दितः ।भयात्प्रदुद्राव समेत्य रावणो यथानिलेनाभिहतो बलाहकः ॥ ५९ ॥

Segmented

स कीर्यमाणः शर-जाल-वृष्टिभिः महात्मना दीप्त-धनुष्मत् अर्दितः भयात् प्रदुद्राव समेत्य रावणो यथा अनिलेन अभिहतः बलाहकः

Analysis

Word Lemma Parse
तद् pos=n,g=m,c=1,n=s
कीर्यमाणः कृ pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
शर शर pos=n,comp=y
जाल जाल pos=n,comp=y
वृष्टिभिः वृष्टि pos=n,g=f,c=3,n=p
महात्मना महात्मन् pos=a,g=m,c=3,n=s
दीप्त दीप् pos=va,comp=y,f=part
धनुष्मत् धनुष्मत् pos=a,g=m,c=3,n=s
अर्दितः अर्दय् pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
भयात् भय pos=n,g=n,c=5,n=s
प्रदुद्राव प्रद्रु pos=v,p=3,n=s,l=lit
समेत्य समे pos=vi
रावणो रावण pos=n,g=m,c=1,n=s
यथा यथा pos=i
अनिलेन अनिल pos=n,g=m,c=3,n=s
अभिहतः अभिहन् pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
बलाहकः बलाहक pos=n,g=m,c=1,n=s