रामायणम् — 6.88.4
Original
Segmented
कूटमुद्गर-पाशाः च दीप्ताः च अशनि तथा निष्पेतुः विविधाः तीक्ष्णाः वाता इव युग-क्षये
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
कूटमुद्गर | कूटमुद्गर | pos=n,comp=y |
पाशाः | पाश | pos=n,g=m,c=1,n=p |
च | च | pos=i |
दीप्ताः | दीप् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
च | च | pos=i |
अशनि | अशनि | pos=n,g=m,c=1,n=p |
तथा | तथा | pos=i |
निष्पेतुः | निष्पत् | pos=v,p=3,n=p,l=lit |
विविधाः | विविध | pos=a,g=m,c=1,n=p |
तीक्ष्णाः | तीक्ष्ण | pos=a,g=m,c=1,n=p |
वाता | वात | pos=n,g=m,c=1,n=p |
इव | इव | pos=i |
युग | युग | pos=n,comp=y |
क्षये | क्षय | pos=n,g=m,c=7,n=s |