रामायणम् — 6.86.9
Original
Segmented
प्रगृह्य गिरि-शृङ्ग-आभाम् क्रुद्धः स विपुलाम् शिलाम् अश्वाञ् जघान तरसा स्यन्दनम् च बभञ्ज तम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
प्रगृह्य | प्रग्रह् | pos=vi |
गिरि | गिरि | pos=n,comp=y |
शृङ्ग | शृङ्ग | pos=n,comp=y |
आभाम् | आभ | pos=a,g=f,c=2,n=s |
क्रुद्धः | क्रुध् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
विपुलाम् | विपुल | pos=a,g=f,c=2,n=s |
शिलाम् | शिला | pos=n,g=f,c=2,n=s |
अश्वाञ् | अश्व | pos=n,g=m,c=2,n=p |
जघान | हन् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
तरसा | तरस् | pos=n,g=n,c=3,n=s |
स्यन्दनम् | स्यन्दन | pos=n,g=m,c=2,n=s |
च | च | pos=i |
बभञ्ज | भञ्ज् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
तम् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |