रामायणम् — 6.82.38
Original
Segmented
तम् न पश्यामहे लोके यो नः शरण-दः भवेत् राघवेन उपसृष्टानाम् कालेन इव युग-क्षये
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
तम् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
न | न | pos=i |
पश्यामहे | पश् | pos=v,p=1,n=p,l=lat |
लोके | लोक | pos=n,g=m,c=7,n=s |
यो | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
नः | मद् | pos=n,g=,c=4,n=p |
शरण | शरण | pos=n,comp=y |
दः | द | pos=a,g=m,c=1,n=s |
भवेत् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
राघवेन | राघव | pos=n,g=m,c=3,n=s |
उपसृष्टानाम् | उपसृज् | pos=va,g=f,c=6,n=p,f=part |
कालेन | काल | pos=n,g=m,c=3,n=s |
इव | इव | pos=i |
युग | युग | pos=n,comp=y |
क्षये | क्षय | pos=n,g=m,c=7,n=s |