रामायणम् — 6.80.32
Original
Segmented
तद् इदम् सत्यम् एव अहम् करिष्ये प्रियम् आत्मनः वैदेहीम् नाशयिष्यामि क्षत्रबन्धुम् अनुव्रताम् इति एवम् उक्त्वा सचिवान् खड्गम् आशु परामृशत्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
तद् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
इदम् | इदम् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
सत्यम् | सत्य | pos=a,g=n,c=2,n=s |
एव | एव | pos=i |
अहम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
करिष्ये | कृ | pos=v,p=1,n=s,l=lrt |
प्रियम् | प्रिय | pos=a,g=n,c=2,n=s |
आत्मनः | आत्मन् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
वैदेहीम् | वैदेही | pos=n,g=f,c=2,n=s |
नाशयिष्यामि | नाशय् | pos=v,p=1,n=s,l=lrt |
क्षत्रबन्धुम् | क्षत्रबन्धु | pos=n,g=m,c=2,n=s |
अनुव्रताम् | अनुव्रत | pos=a,g=f,c=2,n=s |
इति | इति | pos=i |
एवम् | एवम् | pos=i |
उक्त्वा | वच् | pos=vi |
सचिवान् | सचिव | pos=n,g=m,c=2,n=p |
खड्गम् | खड्ग | pos=n,g=m,c=2,n=s |
आशु | आशु | pos=i |
परामृशत् | परामृश् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |