रामायणम् — 6.77.27
Original
Segmented
चाप-वेग-प्रमुक्तैः च बाण-जालैः समन्ततः अन्तरिक्षे ऽभिसंछन्ने न रूपाणि चकाशिरे तमसा पिहितम् सर्वम् आसीद् भीमतरम् महत्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
चाप | चाप | pos=n,comp=y |
वेग | वेग | pos=n,comp=y |
प्रमुक्तैः | प्रमुच् | pos=va,g=n,c=3,n=p,f=part |
च | च | pos=i |
बाण | बाण | pos=n,comp=y |
जालैः | जाल | pos=n,g=n,c=3,n=p |
समन्ततः | समन्ततः | pos=i |
अन्तरिक्षे | अन्तरिक्ष | pos=n,g=n,c=7,n=s |
ऽभिसंछन्ने | अभिसंछद् | pos=va,g=n,c=7,n=s,f=part |
न | न | pos=i |
रूपाणि | रूप | pos=n,g=n,c=1,n=p |
चकाशिरे | काश् | pos=v,p=3,n=p,l=lit |
तमसा | तमस् | pos=n,g=n,c=3,n=s |
पिहितम् | पिधा | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
सर्वम् | सर्व | pos=n,g=n,c=1,n=s |
आसीद् | अस् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
भीमतरम् | भीमतर | pos=a,g=n,c=1,n=s |
महत् | महत् | pos=a,g=n,c=1,n=s |