Original

अकृत्वा कत्थसे कर्म किमर्थमिह राक्षस ।कुरु तत्कर्म येनाहं श्रद्दध्यां तव कत्थनम् ॥ २४ ॥

Segmented

अकृत्वा कत्थसे कर्म किम् अर्थम् इह राक्षस कुरु तत् कर्म येन अहम् श्रद्दध्याम् तव कत्थनम्

Analysis

Word Lemma Parse
अकृत्वा अकृत्वा pos=i
कत्थसे कत्थ् pos=v,p=2,n=s,l=lat
कर्म कर्मन् pos=n,g=n,c=2,n=s
किम् pos=n,g=n,c=2,n=s
अर्थम् अर्थ pos=n,g=n,c=2,n=s
इह इह pos=i
राक्षस राक्षस pos=n,g=m,c=8,n=s
कुरु कृ pos=v,p=2,n=s,l=lot
तत् तद् pos=n,g=n,c=2,n=s
कर्म कर्मन् pos=n,g=n,c=2,n=s
येन यद् pos=n,g=n,c=3,n=s
अहम् मद् pos=n,g=,c=1,n=s
श्रद्दध्याम् श्रद्धा pos=v,p=1,n=s,l=vidhilin
तव त्वद् pos=n,g=,c=6,n=s
कत्थनम् कत्थन pos=n,g=n,c=2,n=s