रामायणम् — 6.75.11
Original
Segmented
स त्वम् अर्थस्य हीन-अर्थः दुरवापस्य केनचित् वचो व्याहृत्य जानीषे कृतार्थो अस्मि इति दुर्मते
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
अर्थस्य | अर्थ | pos=n,g=m,c=6,n=s |
हीन | हा | pos=va,comp=y,f=part |
अर्थः | अर्थ | pos=n,g=m,c=1,n=s |
दुरवापस्य | दुरवाप | pos=a,g=m,c=6,n=s |
केनचित् | कश्चित् | pos=n,g=m,c=3,n=s |
वचो | वचस् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
व्याहृत्य | व्याहृ | pos=vi |
जानीषे | ज्ञा | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
कृतार्थो | कृतार्थ | pos=a,g=m,c=1,n=s |
अस्मि | अस् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
इति | इति | pos=i |
दुर्मते | दुर्मति | pos=a,g=m,c=8,n=s |