रामायणम् — 6.74.11
Original
Segmented
इह त्वम् जात-संवृद्धः साक्षाद् भ्राता पितुः मम कथम् द्रुह्यसि पुत्रस्य पितृव्यो मम राक्षस
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
इह | इह | pos=i |
त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
जात | जन् | pos=va,comp=y,f=part |
संवृद्धः | संवृध् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
साक्षाद् | साक्षात् | pos=i |
भ्राता | भ्रातृ | pos=n,g=m,c=1,n=s |
पितुः | पितृ | pos=n,g=m,c=6,n=s |
मम | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
कथम् | कथम् | pos=i |
द्रुह्यसि | द्रुह् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
पुत्रस्य | पुत्र | pos=n,g=m,c=6,n=s |
पितृव्यो | पितृव्य | pos=n,g=m,c=1,n=s |
मम | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
राक्षस | राक्षस | pos=n,g=m,c=8,n=s |