रामायणम् — 6.71.22
Original
Segmented
समाप्त-कर्मा हि स राक्षस-इन्द्रः भवति अदृश्यः समरे सुर-असुरैः युयुत्सता तेन समाप्त-कर्मना भवेत् सुराणाम् अपि संशयो महान्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
समाप्त | समाप् | pos=va,comp=y,f=part |
कर्मा | कर्मन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
हि | हि | pos=i |
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
राक्षस | राक्षस | pos=n,comp=y |
इन्द्रः | इन्द्र | pos=n,g=m,c=1,n=s |
भवति | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
अदृश्यः | अदृश्य | pos=a,g=m,c=1,n=s |
समरे | समर | pos=n,g=n,c=7,n=s |
सुर | सुर | pos=n,comp=y |
असुरैः | असुर | pos=n,g=m,c=3,n=p |
युयुत्सता | युयुत्स् | pos=va,g=m,c=3,n=s,f=part |
तेन | तद् | pos=n,g=m,c=3,n=s |
समाप्त | समाप् | pos=va,comp=y,f=part |
कर्मना | कर्मन् | pos=n,g=m,c=3,n=s |
भवेत् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
सुराणाम् | सुर | pos=n,g=m,c=6,n=p |
अपि | अपि | pos=i |
संशयो | संशय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
महान् | महत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |