Original

स तां बाणसहस्रेण विक्षोभ्य हरिवाहिनीम् ।हरिश्रेष्ठं हनूमन्तमिन्द्रजित्प्रत्युवाच ह ॥ २४ ॥

Segmented

स ताम् बाण-सहस्रेण विक्षोभ्य हरि-वाहिनीम् हरि-श्रेष्ठम् हनूमन्तम् इन्द्रजित् प्रत्युवाच ह

Analysis

Word Lemma Parse
तद् pos=n,g=m,c=1,n=s
ताम् तद् pos=n,g=f,c=2,n=s
बाण बाण pos=n,comp=y
सहस्रेण सहस्र pos=n,g=n,c=3,n=s
विक्षोभ्य विक्षोभय् pos=vi
हरि हरि pos=n,comp=y
वाहिनीम् वाहिनी pos=n,g=f,c=2,n=s
हरि हरि pos=n,comp=y
श्रेष्ठम् श्रेष्ठ pos=a,g=m,c=2,n=s
हनूमन्तम् हनुमन्त् pos=n,g=,c=2,n=s
इन्द्रजित् इन्द्रजित् pos=n,g=m,c=1,n=s
प्रत्युवाच प्रतिवच् pos=v,p=3,n=s,l=lit
pos=i