रामायणम् — 6.68.17
Original
Segmented
दुरात्मन्न् आत्म-नाशाय केश-पक्षे परामृशः ब्रह्मर्षीणाम् कुले जातो राक्षसीम् योनिम् आश्रितः धिक् त्वाम् पाप-समाचारम् यस्य ते मतिः ईदृशी
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
दुरात्मन्न् | दुरात्मन् | pos=a,g=m,c=8,n=s |
आत्म | आत्मन् | pos=n,comp=y |
नाशाय | नाश | pos=n,g=m,c=4,n=s |
केश | केश | pos=n,comp=y |
पक्षे | पक्ष | pos=n,g=m,c=7,n=s |
परामृशः | परामृश् | pos=v,p=2,n=s,l=lan |
ब्रह्मर्षीणाम् | ब्रह्मर्षि | pos=n,g=m,c=6,n=p |
कुले | कुल | pos=n,g=n,c=7,n=s |
जातो | जन् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
राक्षसीम् | राक्षस | pos=a,g=f,c=2,n=s |
योनिम् | योनि | pos=n,g=f,c=2,n=s |
आश्रितः | आश्रि | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
धिक् | धिक् | pos=i |
त्वाम् | त्वद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
पाप | पाप | pos=a,comp=y |
समाचारम् | समाचार | pos=n,g=m,c=2,n=s |
यस्य | यद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
मतिः | मति | pos=n,g=f,c=1,n=s |
ईदृशी | ईदृश | pos=a,g=f,c=1,n=s |