रामायणम् — 6.68.1
Original
Segmented
विज्ञाय तु मनः तस्य राघवस्य महात्मनः संनिवृत्य आहवात् तस्मात् प्रविवेश पुरम् ततः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
विज्ञाय | विज्ञा | pos=vi |
तु | तु | pos=i |
मनः | मनस् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
राघवस्य | राघव | pos=n,g=m,c=6,n=s |
महात्मनः | महात्मन् | pos=a,g=m,c=6,n=s |
संनिवृत्य | संनिवृत् | pos=vi |
आहवात् | आहव | pos=n,g=m,c=5,n=s |
तस्मात् | तद् | pos=n,g=m,c=5,n=s |
प्रविवेश | प्रविश् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
पुरम् | पुर | pos=n,g=n,c=2,n=s |
ततः | ततस् | pos=i |