रामायणम् — 6.67.42
Original
Segmented
इति एवम् उक्त्वा वचनम् महात्मा रघु-प्रवीरः प्लवग-ऋषभैः वृतः वधाय रौद्रस्य नृशंस-कर्मणः तदा महात्मा त्वरितम् निरीक्षते
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
इति | इति | pos=i |
एवम् | एवम् | pos=i |
उक्त्वा | वच् | pos=vi |
वचनम् | वचन | pos=n,g=n,c=2,n=s |
महात्मा | महात्मन् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
रघु | रघु | pos=n,comp=y |
प्रवीरः | प्रवीर | pos=n,g=m,c=1,n=s |
प्लवग | प्लवग | pos=n,comp=y |
ऋषभैः | ऋषभ | pos=n,g=m,c=3,n=p |
वृतः | वृ | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
वधाय | वध | pos=n,g=m,c=4,n=s |
रौद्रस्य | रौद्र | pos=a,g=m,c=6,n=s |
नृशंस | नृशंस | pos=a,comp=y |
कर्मणः | कर्मन् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
तदा | तदा | pos=i |
महात्मा | महात्मन् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
त्वरितम् | त्वरितम् | pos=i |
निरीक्षते | निरीक्ष् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |