रामायणम् — 6.66.11
Original
Segmented
यत् तदा दण्डक-अरण्ये पितरम् हतः मे मद्-अग्रतस् स्व-कर्म-स्थम् स्मृत्वा रोषो ऽभिवर्धते
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
यत् | यत् | pos=i |
तदा | तदा | pos=i |
दण्डक | दण्डक | pos=n,comp=y |
अरण्ये | अरण्य | pos=n,g=n,c=7,n=s |
पितरम् | पितृ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
हतः | हन् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
मद् | मद् | pos=n,comp=y |
अग्रतस् | अग्रतस् | pos=i |
स्व | स्व | pos=a,comp=y |
कर्म | कर्मन् | pos=n,comp=y |
स्थम् | स्थ | pos=a,g=m,c=2,n=s |
स्मृत्वा | स्मृ | pos=vi |
रोषो | रोष | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ऽभिवर्धते | अभिवृध् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |