रामायणम् — 6.61.46
Original
Segmented
स वृक्ष-षण्डान् तरसा जहार शैलाञ् शिलाः प्राकृत-वानरान् च बाहु-ऊरू-वेग-उद्धत-सम्प्रणुन्नाः ते क्षीण-वेगासः सलिले निपेतुः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
वृक्ष | वृक्ष | pos=n,comp=y |
षण्डान् | षण्ड | pos=n,g=m,c=2,n=p |
तरसा | तरस् | pos=n,g=n,c=3,n=s |
जहार | हृ | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
शैलाञ् | शैल | pos=n,g=m,c=2,n=p |
शिलाः | शिला | pos=n,g=f,c=2,n=p |
प्राकृत | प्राकृत | pos=a,comp=y |
वानरान् | वानर | pos=n,g=m,c=2,n=p |
च | च | pos=i |
बाहु | बाहु | pos=n,comp=y |
ऊरू | ऊरु | pos=n,comp=y |
वेग | वेग | pos=n,comp=y |
उद्धत | उद्धन् | pos=va,comp=y,f=part |
सम्प्रणुन्नाः | सम्प्रणुद् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
ते | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
क्षीण | क्षि | pos=va,comp=y,f=part |
वेगासः | वेग | pos=n,g=m,c=1,n=p |
सलिले | सलिल | pos=n,g=n,c=7,n=s |
निपेतुः | निपत् | pos=v,p=3,n=p,l=lit |