Original

स पुच्छमुद्यम्य भुजंगकल्पं विनम्य पृष्ठं श्रवणे निकुञ्च्य ।विवृत्य वक्त्रं वडवामुखाभमापुप्लुवे व्योम्नि स चण्डवेगः ॥ ४५ ॥

Segmented

स पुच्छम् उद्यम्य भुजङ्ग-कल्पम् विनम्य पृष्ठम् श्रवणे निकुञ्च्य विवृत्य वक्त्रम् वडबामुख-आभम् आपुप्लुवे व्योम्नि स चण्ड-वेगः

Analysis

Word Lemma Parse
तद् pos=n,g=m,c=1,n=s
पुच्छम् पुच्छ pos=n,g=n,c=2,n=s
उद्यम्य उद्यम् pos=vi
भुजङ्ग भुजंग pos=n,comp=y
कल्पम् कल्प pos=a,g=n,c=2,n=s
विनम्य विनम् pos=vi
पृष्ठम् पृष्ठ pos=n,g=n,c=2,n=s
श्रवणे श्रवण pos=n,g=n,c=2,n=d
निकुञ्च्य निकुञ्च् pos=vi
विवृत्य विवृ pos=vi
वक्त्रम् वक्त्र pos=n,g=n,c=2,n=s
वडबामुख वडबामुख pos=n,comp=y
आभम् आभ pos=a,g=n,c=2,n=s
आपुप्लुवे आप्लु pos=v,p=3,n=s,l=lit
व्योम्नि व्योमन् pos=n,g=m,c=7,n=s
तद् pos=n,g=m,c=1,n=s
चण्ड चण्ड pos=a,comp=y
वेगः वेग pos=n,g=m,c=1,n=s