रामायणम् — 6.61.37
Original
Segmented
हरि-पाद-विनिर्भिन्नः निषसाद स पर्वतः न शशाक तद्-आत्मानम् सोढुम् भृश-निपीडितः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
हरि | हरि | pos=n,comp=y |
पाद | पाद | pos=n,comp=y |
विनिर्भिन्नः | विनिर्भिद् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
निषसाद | निषद् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
पर्वतः | पर्वत | pos=n,g=m,c=1,n=s |
न | न | pos=i |
शशाक | शक् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
तद् | तद् | pos=n,comp=y |
आत्मानम् | आत्मन् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
सोढुम् | सह् | pos=vi |
भृश | भृश | pos=a,comp=y |
निपीडितः | निपीडय् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |