रामायणम् — 6.60.46
Original
Segmented
प्रच्छादयति एष हि राक्षस-इन्द्रः सर्वा दिशः सायक-वृष्टि-जालैः एतत् च सर्वम् पतित-अग्र्य-वीरम् न भ्राजते वानर-राज-सैन्यम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
प्रच्छादयति | प्रच्छादय् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
एष | एतद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
हि | हि | pos=i |
राक्षस | राक्षस | pos=n,comp=y |
इन्द्रः | इन्द्र | pos=n,g=m,c=1,n=s |
सर्वा | सर्व | pos=n,g=f,c=2,n=p |
दिशः | दिश् | pos=n,g=f,c=2,n=p |
सायक | सायक | pos=n,comp=y |
वृष्टि | वृष्टि | pos=n,comp=y |
जालैः | जाल | pos=n,g=n,c=3,n=p |
एतत् | एतद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
च | च | pos=i |
सर्वम् | सर्व | pos=n,g=n,c=1,n=s |
पतित | पत् | pos=va,comp=y,f=part |
अग्र्य | अग्र्य | pos=a,comp=y |
वीरम् | वीर | pos=n,g=n,c=1,n=s |
न | न | pos=i |
भ्राजते | भ्राज् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
वानर | वानर | pos=n,comp=y |
राज | राजन् | pos=n,comp=y |
सैन्यम् | सैन्य | pos=n,g=n,c=1,n=s |