रामायणम् — 6.60.42
Original
Segmented
स बाण-वर्षैः अभिवर्ष्यमाणो धार-निपातान् इव तान् विचिन्त्य समीक्षमाणः परम-अद्भुत-श्रीः रामः तदा लक्ष्मणम् इति उवाच
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
बाण | बाण | pos=n,comp=y |
वर्षैः | वर्ष | pos=n,g=m,c=3,n=p |
अभिवर्ष्यमाणो | अभिवर्षय् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
धार | धारा | pos=n,comp=y |
निपातान् | निपात | pos=n,g=m,c=2,n=p |
इव | इव | pos=i |
तान् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=p |
विचिन्त्य | विचिन्तय् | pos=vi |
समीक्षमाणः | समीक्ष् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
परम | परम | pos=a,comp=y |
अद्भुत | अद्भुत | pos=a,comp=y |
श्रीः | श्री | pos=n,g=m,c=1,n=s |
रामः | राम | pos=n,g=m,c=1,n=s |
तदा | तदा | pos=i |
लक्ष्मणम् | लक्ष्मण | pos=n,g=m,c=2,n=s |
इति | इति | pos=i |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |