रामायणम् — 6.60.31
Original
Segmented
ते केवलम् संददृशुः शित-अग्रान् बाणान् रणे वानर-वाहिनीषु माया-निगूढम् च सुर-इन्द्र-शत्रुम् न च अत्र तम् राक्षसम् अभ्यपश्यन्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
ते | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
केवलम् | केवलम् | pos=i |
संददृशुः | संदृश् | pos=v,p=3,n=p,l=lit |
शित | शा | pos=va,comp=y,f=part |
अग्रान् | अग्र | pos=n,g=m,c=2,n=p |
बाणान् | बाण | pos=n,g=m,c=2,n=p |
रणे | रण | pos=n,g=m,c=7,n=s |
वानर | वानर | pos=n,comp=y |
वाहिनीषु | वाहिनी | pos=n,g=f,c=7,n=p |
माया | माया | pos=n,comp=y |
निगूढम् | निगुह् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
च | च | pos=i |
सुर | सुर | pos=n,comp=y |
इन्द्र | इन्द्र | pos=n,comp=y |
शत्रुम् | शत्रु | pos=n,g=m,c=2,n=s |
न | न | pos=i |
च | च | pos=i |
अत्र | अत्र | pos=i |
तम् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
राक्षसम् | राक्षस | pos=n,g=m,c=2,n=s |
अभ्यपश्यन् | अभिपश् | pos=v,p=3,n=p,l=lan |