Original

तां गृहीत्वा गदां भीमामाविध्य च पुनः पुनः ।मत्तानीकं महापार्श्वं जघान रणमूर्धनि ॥ ५२ ॥

Segmented

ताम् गृहीत्वा गदाम् भीमाम् आविध्य च पुनः पुनः मत्त-अनीकम् महापार्श्वम् जघान रण-मूर्ध्नि

Analysis

Word Lemma Parse
ताम् तद् pos=n,g=f,c=2,n=s
गृहीत्वा ग्रह् pos=vi
गदाम् गदा pos=n,g=f,c=2,n=s
भीमाम् भीम pos=a,g=f,c=2,n=s
आविध्य आव्यध् pos=vi
pos=i
पुनः पुनर् pos=i
पुनः पुनर् pos=i
मत्त मद् pos=va,comp=y,f=part
अनीकम् अनीक pos=n,g=m,c=2,n=s
महापार्श्वम् महापार्श्व pos=n,g=m,c=2,n=s
जघान हन् pos=v,p=3,n=s,l=lit
रण रण pos=n,comp=y
मूर्ध्नि मूर्धन् pos=n,g=m,c=7,n=s