रामायणम् — 6.58.17
Original
Segmented
परिघ-अभिहतः च अपि वानर-इन्द्र-आत्मजः तदा जानुभ्याम् पतितो भूमौ पुनः एव उत्पपात ह
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
परिघ | परिघ | pos=n,comp=y |
अभिहतः | अभिहन् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
च | च | pos=i |
अपि | अपि | pos=i |
वानर | वानर | pos=n,comp=y |
इन्द्र | इन्द्र | pos=n,comp=y |
आत्मजः | आत्मज | pos=n,g=m,c=1,n=s |
तदा | तदा | pos=i |
जानुभ्याम् | जानु | pos=n,g=m,c=3,n=d |
पतितो | पत् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
भूमौ | भूमि | pos=n,g=f,c=7,n=s |
पुनः | पुनर् | pos=i |
एव | एव | pos=i |
उत्पपात | उत्पत् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
ह | ह | pos=i |