रामायणम् — 6.58.16
Original
Segmented
अथ आश्वास्य महा-तेजाः कृच्छ्राद् देवान्तको बली आविध्य परिघम् घोरम् आजघान तदा अङ्गदम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अथ | अथ | pos=i |
आश्वास्य | आश्वासय् | pos=vi |
महा | महत् | pos=a,comp=y |
तेजाः | तेजस् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
कृच्छ्राद् | कृच्छ्र | pos=n,g=n,c=5,n=s |
देवान्तको | देवान्तक | pos=n,g=m,c=1,n=s |
बली | बलिन् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
आविध्य | आव्यध् | pos=vi |
परिघम् | परिघ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
घोरम् | घोर | pos=a,g=m,c=2,n=s |
आजघान | आहन् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
तदा | तदा | pos=i |
अङ्गदम् | अङ्गद | pos=n,g=m,c=2,n=s |