रामायणम् — 6.57.87
Original
Segmented
अथ अङ्गदः वज्र-समान-वेगम् संवर्त्य मुष्टिम् गिरि-शृङ्ग-कल्पम् निपातयामास तदा महात्मा नरान्तकस्य उरसि वालिन्-पुत्रः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अथ | अथ | pos=i |
अङ्गदः | अङ्गद | pos=n,g=m,c=1,n=s |
वज्र | वज्र | pos=n,comp=y |
समान | समान | pos=a,comp=y |
वेगम् | वेग | pos=n,g=m,c=2,n=s |
संवर्त्य | संवर्तय् | pos=vi |
मुष्टिम् | मुष्टि | pos=n,g=m,c=2,n=s |
गिरि | गिरि | pos=n,comp=y |
शृङ्ग | शृङ्ग | pos=n,comp=y |
कल्पम् | कल्प | pos=a,g=m,c=2,n=s |
निपातयामास | निपातय् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
तदा | तदा | pos=i |
महात्मा | महात्मन् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
नरान्तकस्य | नरान्तक | pos=n,g=m,c=6,n=s |
उरसि | उरस् | pos=n,g=n,c=7,n=s |
वालिन् | वालिन् | pos=n,comp=y |
पुत्रः | पुत्र | pos=n,g=m,c=1,n=s |