Original

स भर्तुर्वचनं श्रुत्वा निष्पपाताङ्गदस्तदा ।अनीकान्मेघसंकाशान्मेघानीकादिवांशुमान् ॥ ७७ ॥

Segmented

स भर्तुः वचनम् श्रुत्वा निष्पपात अङ्गदः तदा अनीकात् मेघ-संकाशात् मेघ-अनीकात् इव अंशुमान्

Analysis

Word Lemma Parse
तद् pos=n,g=m,c=1,n=s
भर्तुः भर्तृ pos=n,g=m,c=6,n=s
वचनम् वचन pos=n,g=n,c=2,n=s
श्रुत्वा श्रु pos=vi
निष्पपात निष्पत् pos=v,p=3,n=s,l=lit
अङ्गदः अङ्गद pos=n,g=m,c=1,n=s
तदा तदा pos=i
अनीकात् अनीक pos=n,g=n,c=5,n=s
मेघ मेघ pos=n,comp=y
संकाशात् संकाश pos=n,g=n,c=5,n=s
मेघ मेघ pos=n,comp=y
अनीकात् अनीक pos=n,g=m,c=5,n=s
इव इव pos=i
अंशुमान् अंशुमन्त् pos=n,g=m,c=1,n=s