रामायणम् — 6.56.9
Original
Segmented
यस्य ते वज्र-निष्पेषः न कुर्याद् व्यसनम् सदा स कथम् राम-बाण-आर्तः प्रसुप्तो ऽसि मही-तले
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
यस्य | यद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
वज्र | वज्र | pos=n,comp=y |
निष्पेषः | निष्पेष | pos=n,g=m,c=1,n=s |
न | न | pos=i |
कुर्याद् | कृ | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
व्यसनम् | व्यसन | pos=n,g=n,c=2,n=s |
सदा | सदा | pos=i |
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
कथम् | कथम् | pos=i |
राम | राम | pos=n,comp=y |
बाण | बाण | pos=n,comp=y |
आर्तः | आर्त | pos=a,g=m,c=1,n=s |
प्रसुप्तो | प्रस्वप् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
ऽसि | अस् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
मही | मही | pos=n,comp=y |
तले | तल | pos=n,g=m,c=7,n=s |