रामायणम् — 6.56.19
Original
Segmented
इति बहुविधम् आकुल-अन्तरात्मा कृपणम् अतीव विलप्य कुम्भकर्णम् न्यपतद् अथ दशाननो भृश-आर्तः तम् अनुजम् इन्द्र-रिपुम् हतम् विदित्वा
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
इति | इति | pos=i |
बहुविधम् | बहुविध | pos=a,g=n,c=2,n=s |
आकुल | आकुल | pos=a,comp=y |
अन्तरात्मा | अन्तरात्मन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
कृपणम् | कृपण | pos=a,g=n,c=2,n=s |
अतीव | अतीव | pos=i |
विलप्य | विलप् | pos=vi |
कुम्भकर्णम् | कुम्भकर्ण | pos=n,g=m,c=2,n=s |
न्यपतद् | निपत् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
अथ | अथ | pos=i |
दशाननो | दशानन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
भृश | भृश | pos=a,comp=y |
आर्तः | आर्त | pos=a,g=m,c=1,n=s |
तम् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
अनुजम् | अनुज | pos=n,g=m,c=2,n=s |
इन्द्र | इन्द्र | pos=n,comp=y |
रिपुम् | रिपु | pos=n,g=m,c=2,n=s |
हतम् | हन् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
विदित्वा | विद् | pos=vi |